Report manpreet singh
Raipur chhattisgarh VISHESH :नई दिल्ली, छत्तीसगढ़ में कोरोना के मामलों को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने मंगलवार को कहा कि छत्तीसगढ़ के मामले में साप्ताहिक पॉजिटिविटी रेट डेढ़ प्रतिशत बढ़ी है, यह बढ़कर लगभग 28% हो गई है. इसलिए, यह चिंता का एक और कारण है. इसके अलावा उन्होंने महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश के बारे में भी चर्चा की.
देशभर के साथ छत्तीसगढ़ में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। ऐसे में देश के अलग-अलह हिस्सों से लगातार कोरोना के बढ़ते मामले सामने आ रहे हैं, यही कारण है कि देशभर में तमाम जगहों पर कई तरह की पाबंदिया लगाई जा रही हैं। इस बीच केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने मंगलवार को कहा कि यदि कोरोना से होने वाली रोजाना की मौतों को देखें, तो उनमें लगातार बढ़ोत्तरी देखने को मिल रही है। हालांकि, इसका पिछला उच्चतम बिंदु 1,114 था और वर्तमान में हमने अधिकतम 879 लोगों की मौत की सूचना दी है।
उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ में कोरोना के मामले में साप्ताहिक पॉजिटिविटी रेट डेढ़ प्रतिशत बढ़ी है, यह बढ़कर लगभग 28% हो गई है। इसलिए, यह चिंता का एक और कारण है। वहीं, महाराष्ट्र में आप पाएंगे कि औसत दैनिक मामले सप्ताह दर सप्ताह काफी बढ़ गए हैं और 57,000 से अधिक के स्तर पर पहुंच गए हैं। यहां टेस्टिंग की संख्या बढ़ रही है, लेकिन यह बढ़ोत्तरी दैनिक मामलों की वृद्धि के साथ तालमेल नहीं दिखा रही है। यदि आप RT-PCR परीक्षणों की हिस्सेदारी को देखते हैं, तो यह धीरे-धीरे नीचे आ रहा है।
इसके अलावा उत्तर प्रदेश में एक दिन में दर्ज हो रहे औसतन 89 मामले अब एक दिन में 10,000 संख्या तक पहुंच गया है। यहां दैनिक आरटी-पीसीआर परीक्षण लगभग 45 से 44% हैं, इसलिए उन्हें भी बढ़ाने की आवश्यकता है। वहीं, साप्ताहिक पॉजिटिविटी रेट 5% से नीचे है, यानी 4.84% लेकिन इसमें भी बढ़ोत्तरी दिख रही है।वैक्सीनेशन के बारे में बताते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा कि आज सुबह 8 बजे तक, देश में 10.85 करोड़ से अधिक वैक्सीन की खुराक दी जा चुकी है। वहीं, पिछले 24 घंटों में 40 लाख से अधिक खुराक दी गई थी।
उन्होंने यह भी बताया कि अब तक हमने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को वैक्सीन की 13,10,90,000 खुराकें प्रदान की हैं। एक तरफ, हमारे पास केरल जैसे राज्य हैं, जहां वैक्सीन का जीरो वेस्टेज है और दूसरी ओर हमारे पास कई अन्य राज्य हैं, जहां अभी भी 8-9% वैक्सीन खराब हो जाती है।