Report manpreet singh
RAIPUR chhattisgarh VISHESH : अब स्कूलों के कैंटीन में नहीं मिलेगा चाऊमीन, पिज्जा, बर्गर, फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने लिया फैसला l स्कूलों में अब जंक फूड से लेकर ऐसे कोई खाद्य सामग्री नहीं बिकेगी जो बच्चों की सेहत के लिए सही नहीं है। फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने कुछ दिन पहले अधिसूचना जारी की है।
स्कूलों में अब जंक फूड से लेकर ऐसे कोई खाद्य सामग्री नहीं बिकेगी जो बच्चों की सेहत के लिए सही नहीं है। फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने कुछ दिन पहले अधिसूचना जारी की है। जिसमें लिखा है कि ऐसे खाद्य पदार्थ जिसमें शुगर, वसा नमक की मात्रा ज्यादा है, उसकी बिक्री स्कूल कैंपस के अंदर और बाहर 50 मीटर के दायरे में नहीं होगी। साथ ही ऐसे फूड का विज्ञापन इस क्षेत्र में करने की इजाजत नहीं होगी। खाद्य नियामक ने यह फैसला बच्चों को सेहतमंद भोजन और खाद्य पदार्थों के प्रति जागरूक करने के लिए लिया है ताकि बच्चों को सुरक्षित और पोषण आहार मिल सकें। एक्सपर्ट के मुताबिक स्कूली बच्चों की डाइट में पोषण तत्वों से भरी भोजन सामग्री होनी चाहिए, लेकिन जंक फूड की वजह से उनमें वह पोषण तत्व नहीं पहुंच पाते। एफएसएसएआई ने राज्यों के स्कूली शिक्षा विभागों और खाद्य प्राधिकरणों को बच्चों के लिए सुरक्षित और संतुलित सेहतमंद भोजन की सूची बनाने के भी निर्देश दिए हैं।
विज्ञापन की भी इजाजत नहीं
एफएसएसईए ने खाने-पीने का सामान बनाने वाली कंपनियों को भी स्कूल के 50 मीटर के दायरे और कैंटीन में विज्ञापन करने की मनाही की है। इसमें किसी फूड कंपनी के ब्रांड का नाम, लोगो, पोस्टर, बच्चों की किताब-कॉपी के कवर आदि भी शामिल है। अक्सर स्कूल के कैंटीन या हॉस्टल की मेस पर कई कंपनी के पिज्जा, बर्गर, रोल चाउमीन, फ्रैंच फ्राई जैसी चीजों को ऑनलाइन आर्डर करने पॅम्पलेट या पोस्टर लगाए जाते रहे हैं।
बनाए डाइट प्लान
एक्सपर्ट का कहना है कि अगर बच्चों का डाइट प्लान बनाकर दे दिया जाए तो धीरे-धीरे उन्हें इसकी आदत पडऩे लगेगी। कई बच्चे सुबह का नाश्ता नहीं करते, लेकिन सुबह का नाश्ता सबसे ज्यादा जरूरी है। इसलिए बच्चे के दिन की शुरुआत हेल्दी नाश्ते से करें। इसमें दलिया, अंडा, उपमा, पोहा, ओट्स, कॉर्नफ्लेक्स आदि दे सकते हैं। क्योंकि यह सभी ऊर्जा के अच्छे स्त्रोत हैं। सुबह के नाश्ते व दोपहर के खाने के बीच बच्चों को भूख लगती है इसलिए ज्यादातर बच्चे इस समय चिप्स, बिस्किट आदि की डिमांड करते हैं। इस दौरान मौसमी फल देना चाहिए। खासकर कोरोना संक्रमण के दौरान फल एनर्जी के साथ-साथ विटामिन्स और मिनरल्स भी प्रदान करते हैं। जिससे रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। दोपहर के लंच का एक टाइम फिक्स कर दें और 12 से 2 बजे के बीच बच्चों को लंच करा दें, ताकि शाम के नाश्ते तक उन्हें भूख लग सकें। लंच में दाल-चावल, सब्जी-रोटी, सलाद और दही को शामिल करें। वहीं शाम को नाश्ते में बच्चों को गर्म दूध या चाय के साथ ब्राउन ब्रेड सेंडविच, बिस्किट्स आदि दे सकते हैं।
जानिए किसमें क्या है खास
0 बच्चे के विकास के लिए प्रोटीन भी ज़रूरी है, इसलिए बच्चे की डाइट में दूध व डेयरी प्रोडक्ट्स, दाल, अंडे, मछली आदि शामिल करें। इसमें सबसे ज्यादा प्रोटीन होता है।
0 आयरन,और फाइबर और कैल्शियम के लिए बच्चों की डायट में हरी सब्जिय़ों को शामिल करें, जिसमें वेजिटेबल सूप अच्छा माध्यम हो सकता है।
0 ड्राई फ्रू ट््स भी याददाश्त बढ़ाने के लिए अच्छा होता है। अखरोट, बादाम, पिस्ता और काजू आदि में फैटी एसिड जैसे नेचुरल फैट्स होते है। जिससे मेमोरी तेज होती है।
0 आयरन एकाग्रता बढ़ता है, इसके लिए मांस, अंडा, हरी पत्तेदार सब्जियां आदि भी खाने में शामिल करें।
0 फाइबर के लिए बच्चों को रोज एक फल जैसे सेब, केला, संतरा आदि ज़रूर खिलाएं। जिससे बच्चों को लंबे समय तक एनर्जी मिलती है।
आहार से ही अच्छी सेहत
डॉ. संध्या मदन मोहन, न्यूट्रीशियन एवं डाइटीशियन बच्चों की डाइट में प्रोटीन, विटामिन्स, कार्बोहाईड्रेड, मिनरल्स सब कुछ शामिल होने चाहिए। साथ ही लिक्विड डाइट भी दें ताकि शरीर में पानी की कमी ना हो। जूस, छाछ, नींबू पानी, पानी में ग्लूकोज आदि उनकी डाइट में शामिल करें। वहीं स्वाद के लिए उनकी पसंद के चाऊमीन, बर्गर को कभीकभार ही घर पर तैयार कर खिलाएं एवं जंक फूड के नकुसान को भी उन्हें बताएं