Report manpreet singh
Raipur chhattisgarh VISHESH : कोरोना वैक्सीन को लेकर दुनियाभर में इंतजार हो रहा है। हालांकि कुछ वैक्सीन के नतीजे संतोषजनक रहे हैं, वैक्सीन कब तक बाजार में आएंगी, यह कहना मुश्किल हो रहा है। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने अपने संडे संवाद कार्यक्रम के चौथे संस्करण में वैक्सीन को लेकर कहा, भारत सरकार कोविड 19 वैक्सीन के तैयार होने पर इसके उचित और समान वितरण को सुनिश्चित करने के लिए हर पल काम कर रही है। सरकार की शीर्ष प्राथमिकता है कि वैक्सीन के देश के हर नागरिक तक पहुंचने को कैसे सुनिश्चित किया जाए।
वैक्सीन के सवालों पर मंत्री ने कहा कि हमारा एक मोटा-मोटा अनुमान और लक्ष्य होगा कि जुलाई 2021 तक लगभग 25 करोड़ लोगों को कवर करने के लिए कोरोना वैक्सीन की 40-50 करोड़ डोज मिल जाएं और उनका इस्तेमाल कर लिया जाए। विशेषज्ञों का एक उच्च स्तरीय दल वैक्सीन से जुड़े हर पहलू पर ध्यान दे रहा है।
सरकार के कोविड 19 इम्युनाइजेशन प्लान पर मंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय एक फॉर्मेट तैयार कर रहा है। इस फॉर्मेट में राज्य उन प्राथमिकता वाले जनसंख्या समूहों की लिस्ट सबमिट होगी, जिन्हें सबसे पहले वैक्सीन मिलनी चाहिए।
इस लिस्ट में कोविड 19 मैनेजमेंट में शामिल हेल्थ वर्कर्स विशेष रूप से रहेंगे। वैक्सीन के सफल ट्रायल पर डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि हम देश में कई कोविड 19 वैक्सीन को भारतीय आबादी के लिए उनकी उपलब्धता के अनुरूप पेश किए जाने की संभावना तक पहुंच विकसित कर रहे हैं।
भारत में यह है स्थिति
भारत में तीन वैक्सीन पर काम चल रहा है। इसमें से दो वैक्सीन तीसरे चरण के ट्रायल में हैंं। अच्छी खबर यह है कि भारत में चल रही कोरोना वैक्सीन कोविशील्ड की रिसर्च में अब तक कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं दिखा है। यानी इसके साइड इफेक्ट देखने को नहीं मिले हैं। कोविशील्ड का मानवों पर परीक्षण चल रहा है।
सीरम इंस्टीट्यूट आफ इंडिया ने पुणे के जनरल हॉस्पिटल में इसका परीक्षण किया है। वहीं मुंबई में 23 सितंबर को किंग एडवर्ड मेमोरियल (KEM) अस्पताल ने कोरोनावायरस वैक्सीन के दूसरे और तीसरे चरण के परीक्षण शुरू किए हैं। कोरोनावायरस वैक्सीन के लिए परीक्षणों में कुछ प्रतिभागियों ने अपनी दूसरी खुराक भी प्राप्त की है और किसी भी प्रतिकूल प्रभाव की बात नहीं की है।
हालांकि, कुछ ने कोरोनावायरस वैक्सीन की खुराक के बाद बुखार महसूस किया, लेकिन विशेषज्ञों के अनुसार, यह एक हल्की प्रतिक्रिया है और इसके बारे में चिंतित होने के लिए कुछ भी नहीं है।
वहीं, एम्स के डायरेक्टर डॉक्टर गुलेरिया का कहना है कि भारत में जितने भी फेज टू या थ्री के ट्रायल हो रहे हैं, उसमें दो-तीन रिजल्ट अच्छे आए हैं। रिजल्ट और फॉलोअप में वैक्सीन सुरक्षित साबित हुई। इन वैक्सीन के ज्यादा साइड इफेक्ट नहीं पाए गए हैं। ये वैक्सीन इफेक्टिव हैं और इन्हें लगाने से प्रोटेक्शन मिल रहा है।
डॉक्टर गुलेरिया का कहना है कि वैक्सीन लगाने से बॉडी में एंटीबॉडी बनती है लेकिन संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने पर ये एंटीबॉडी कितना काम करती है, ये पता लगाने के बाद ही वैक्सीन की दिशा में काम आगे बढ़ाजा जा सकेगा। डॉक्टर गुलेरिया ने कहा कि वैक्सीन डोज पर भी अभी काम किया जाना है। डॉक्टर के अनुसार, सबकुछ ठीक रहा तो अगले साल जनवरी तक कोरोना वायरस की वैक्सीन मार्केट में आ जाएगी।