Report manpreet singh
Raipur chhattisgarh VISHESH : नई दिल्ली, सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि एयरलाइंस कंपनियों को कोविड-19 संक्रमण की वजह से कैंसल किए टिकटों के रिफंड में देरी पर हर महीने 0.5 फीसदी ब्याज देना होगा. सर्वोच्च अदालत ने कहा है कि यह यह क्रेडिट शेल 31 मार्च, 2021 तक वैलिड रहेगा. इसके बाद भी यात्री ने रिफंड नही लिया तो एयरलाइंस को पूरा पैसा अतिरिक्त ब्याज के साथ लौटाना होगा. क्रेडिट शेल का पैसा किसी भी रूट में इस्तेमाल किया जा सकता है और ट्रांसफर भी हो सकता है.
क्रेडिट शेल एक क्रेडिट नोट होता है, जिसका इस्तेमाल एयरलाइंस यात्री भविष्य की बुकिंग के लिए करते हैं. किसी पैसेंजर के लिए क्रेडिट शेल का इस्तेमाल करते हुए बुकिंग तभी हो सकती है जब उसका नाम ओरिजिनल बुकिंग में दिए गए नाम से मिलता हो.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जहां भी क्रेडिट शेल इश्यू किया जाता है वहां 30 जून, 2020 के कैंसल टिकट के रिफंड में देरी होने पर 0.5 फीसदी का ब्याज देना होगा. यानी क्रेडिट शेल की वैल्यू 0.5 फीसदी बढ़ जाएगी. दरअसल कुछ यात्री संगठनों ने एयरलाइंस के खिलाफ टिकट रद्द किए जाने के एवज में तुरंत रिफंड मांगा था. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने एयरलाइंस का यह तर्क माना कि कोविड संक्रमण की वजह से उनके बिजनेस को काफी झटका लगा है और वे इस वक्त पूरा रिफंड की स्थिति में नहीं हैं.
इस बीच, इंडिगो और एयर एशिया ने कहा है उन्होंने रद्द टिकट का सारा पैसा यात्रियों और ट्रैवल एजेंटों को लौटा दिया है, वहीं स्पाइसजेट, गो एयर और विस्तारा ने कहा है कि उन्हें कुछ पैसा लौटाना है. कोरोना संक्रमण की वजह से एविएशन और हॉस्पेटिलिटी इंडस्ट्री बेहद बुरे दौर से गुजर रही है. लॉकडाउन और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर प्रतिबंध ने एयरलाइंस कंपनियों की आय खत्म कर दी है. सरकार दोनों इंडस्ट्री के लिए अगले कुछ दिनों में टैक्स राहत या इन्सेंटिव का ऐलान कर सकती है. हॉस्पेटिलिटी सेक्टर बड़ी तादाद में रोजगार पैदा करता है. लेकिन कोरोना संक्रमण की वजह से इस सेक्टर में लाखों नौकरियां चली गई हैं.