कलेक्टरों से सीएम भूपेश बेहद नाराज, बोले…काम नहीं करना है तो छोड़ दें कलेक्टरी…बिना काम किए वेतन लेने का कोई हक नहीं

 



Report manpreet singh 


 RAIPUR chhattisgarh VISHESH :नजूल जमीन के नियमितिकरण का टारगेट पूरा न करने पर कलेक्टर कांफ्रेंस में सीएम भूपेश बघेल कलेक्टरों पर बिगड़ पड़े। 28 जिलों में से सिर्फ कोंडागांव जिला ने टारगेट से 4 करोड़ अधिक रेवन्यू दिया है। बाकी बड़े मैदानी जिले 50 लाख भी क्राॅस नहीं कर पाए।


कलेक्टर कांफ्रेंस में नजूल जमीन का नियमितिकरण का टारगेट पूरा न करने पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल कलेक्टरों पर बेहद नाराज हुए। सीएम की नाराजगी ऐसी थी कि वीडियोकांफ्रेंसिंग से जुड़े कलेक्टर सकपका गए।


राज्य सरकार ने राजस्व बढ़ाने के लिए नजूल की खाली जमीनों की नीलामी या फिर बरसों से सरकारी जमीनों पर कब्जा किए लोगों का नियमितिकरण करने के लिए कहा था। इसके लिए कलेक्टरों को टारगेट दिया गया था। उसमें केटेगरी बनाते हुए गाइडलाइंस तय किया गया था। इसके तहत कलेक्टर 7500 वर्गफीट तक के प्लाट को रेगुलराइज कर सकते हैं।


पहले केटेगरी मेें सरकारी संस्थाओं को प्राथमिकता दी गई है। लेकिन, उन्हें बाउंड्री वाॅल बनाना होगा। दूसरा, कोई स्थानीय निकाय, जो गाइडलाइंस रेट से 25 फीसदी अधिक राशि के साथ और तीसरा, प्रायवेट पार्टी को गाइडलाइंस दर पर। इसमें यदि एक प्लाट के लिए एक से अधिक लोग इच्छुक हों तो नीलामी किया जाए। और, यदि किसी के घर के पास अगर सरकारी जमीन है तो गाइडलाइंस रेट से डेढ़ सौ गुना अधिक रेट पर उसे बेचा जा सकता है।


अफसरों का कहना है कि राजस्व पुस्तक परिपत्र के अनुसार सरकार अनुपयोगी जमीनों को बेच सकती है। इससे खाली जमीनों का उपयोग होगा और जो लोग बेजा कब्जा करके सालों से बैठे हैं, उनका नियमितिकरण होगा। साथ ही सरकार को पैसा मिल जाएगा। रायपुर शहर में 35 सौ एकड़ में बेजा कब्जा है। वोट बैंक के चलते कोई भी सरकार इन जमीनों को खाली नहीं करा सकती।


पिछले दिनों चीफ सिकरेट्री आरपी मंडल ने कलेक्टरों की वीडियोकांफ्रेंसिग ली थी। मंडल से सभी कलेक्टरों ने सेल्फ टारगेट दिया था। कुछ बड़े जिलों के कलेक्टरों ने तो 100-100 करोड़ देने कहा था। बिलासपुर के तत्कालीन कलेक्टर संजय अलंग हालांकि, टारगेट बताने में आगे-पीछे हुए तो उन्हें बात भी सुननी पड़ गई थी। लेकिन, हुआ वहीं। किसी भी कलेक्टर ने लक्ष्य तो दूर की बात दस फीसदी भी राजस्व नहीं दिया।


कोंडागांव जैसे आदिवासी जिले ने जरूर 9 लाख के लक्ष्य के विपरीत 13 करोड़ राजस्व दिया। कोंडागांव कलेक्टर नीलकंठ टेकाम को सरकार ने जरूर हटा दिया लेकिन, बड़ी संख्या में उन्होंने जमीनों का नियमितिकरण किया।


बताते हैं, कई कलेक्टरों ने तो खाता भी नहीं खोला। तो कुछ बड़े जिले के कलेक्टर 20 से 25 लाख रुपए में सिमट गए।


कलेक्टर कांफ्रेंस में जब ये मुद्दा आया तो सीएम भड़क गए। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि जब काम नहीं कर सकते तो कलेक्टर पद पर रहने का कोई अधिकार नहीं….छोड़ दें कलेक्टरी। उन्होंने यह भी कहा कि राजस्व नहीं दे सकते तो उन्हें वेतन लेने का भी हक नहीं।


 


 


Popular posts
स्किन और हेयर प्रॉब्लम्स से बचने के लिए डाइट में लें विटामिन ई का करे प्रयोग
Image
सर्दियों में सॉफ्ट और खूबसूरत स्किन के लिए फॉलो करें ये जरूरी टिप्स, कोमल बनेगी त्वचा, ग्लो रहेगा बरकरार
Image
ईद-उल-अजहा पर्व पर आज विधायक कुलदीप जुनेजा और छत्तीसगढ़ विशेष के सम्पादक मनप्रीत सिंह ने सभी प्रदेशवासियों को बधाई देते कहा कि ईद-उल-अजहा पर्व हमे भाईचारा एवं एकजुटता का संदेश देता है
Image
शरीर को डिटॉक्स करने का एक बेहतरीन तरीका, तलवों पर एक खास तरह की मिट्टी लगाना,
Image
जल्द ही आप लगवा सकेंगे मनपसंद टीका, विदेशों में बनी वैक्सीन आयात करेगी सरकार
Image
कब्ज के लिए रामबाण दवा है सेंधा नमक, ऐसे करें सेवन
Image
कोरोना वैक्सीन लगवाने के लिए आज से पंजीयन शुरू - ऐसे करें रजिस्ट्रेशन
Image
हास्य केंद्र योग के दसवें स्थापना वर्ष में शामिल हुए विधायक कुलदीप जुनेजा
Image
राष्ट्रीय विप्र फाउंडेशन छत्तीसगढ़ महिला प्रकोष्ठ ने घर पर ही रहकर ज़ूम मीटिंग कर ऑनलाइन घर पर ही एक दूसरे के सहयोग से मनाए हनुमान जन्मोत्सव
Image
बिल्डर के यहां आयकर छापा --- 100 से ज्यादा संपत्तियों का पता चला
Image