रिपोर्ट मनप्रीत सिंग
रायपुर छत्तीसगढ विशेष : पूरे देश में कोरोनावायरस के कारण आर्थिक संकट जैसे हालात बने हुए हैं। लाखों लोगों को नौकरी, वेतन में कटौती, और व्यवसाय बंद होने के कारण आय के मुद्दों का सामना करना पड़ रहा है। इसे देखते हुए भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने 1 मार्च से तीन महीने की ईएमआई अधिस्थगन मोराटोरियम की अनुमति दी थी। यानि ने कर्जदाताओं को अगले तीन महीनों के लिए अपने घर या ऑटो ऋण पर ईएमआई का भुगतान नहीं करने की सहूलियत दी है। लेकिन अगर इसके तहत मिलने वाली छूट के नियम की जानकारी साफ़ नहीं होने से ग्राहक उलझन में है. आप इस मोराटोरियम का लाभ लेते हैं तो आपको इसके लिए अतिरिक्त ब्याज चुकाना होगा। ये सहूलियत आफत भी बन सकती है.
एक लोन के जानकार का कहना है कि कई ग्राहकों से लगातार जानकारी मांगे जाने पर ऋण पर पुनर्विचार करने के लिए प्रेरित किया है। जब मैंने देखा कि भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने 27 मार्च को एक सर्कुलर जारी कर 1 मार्च से तीन महीने की ईएमआई अधिस्थगन (मोराटोरियम) की जो अनुमति दी है उसके सभी नियम और शर्तों को समझने पर मैंने देखा कि यह राहत नहीं थी बल्कि ग्राहक पर लगाया गया जुर्माना था।
जब मैंने EMI कैलकुलेटर की मदद से लिए गए लोन के गणना की, तो मैंने पाया कि 30 लाख के ऋण पर, 20 साल के कार्यकाल के साथ और ईएमआई मोराटोरियम विकल्प लेने के बाद 10% के ब्याज पर ग्राहक को 1 लाख रुपए से अधिक का अतिरिक्त भुगतान करना होगा ये रुपए आपसे ब्याज के रूप में लिए जाएंगे।
पहले किस्तों की संख्या | मोराटोरियम किस्त | मोराटोरियम का लाभ लेने पर किस्त | अतिरिक्त किस्त |
36 (3 वर्ष) | 3 | 37 | 1 |
60 (5 वर्ष) | 3 | 62 | 2 |
120 (10 वर्ष) | 3 | 125 | 5 |
180 (15वर्ष) | 3 | 188 | 8 |
240 (20 वर्ष) | 3 | 255 | 15 |
कर्जदाता ब्याज माफी की कर रहे अपील
ग्राहकों ने विभिन्न माध्यमों से आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को ईएमआई मोरेटोरियम अवधि पर कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लेने के लिए कहा गया और मोरेटोरियम के समय को और आगे बढ़ाने को भी कहा है। ग्राहक राहत की माँग कर रहे हैं क्योंकि वे भी मुझसे समान और सबसे खराब परिस्थितियों का सामना कर रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका भी दायर की है।